stories in hindi with moral |the stories in hindi- Short Stories in Hindi for Kids (2023) कुछ भी नया और अच्छा सीखने के लिए सबसे अच्छा माध्यम कहानियां यानी की स्टोरीज होती हैं। इन stories के माध्यम से काफी नई नई बातें बहुत ही आसानी से और मजेदार तरीके से सीखी जा सकती हैं।
हम आज आपको कुछ ऐसे ही Short Inspirational Stories in Hindi के बारें में बताने वाले हैं। अक्सर लोग short stories in hindi with moral lessons को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह स्टोरीज शार्ट होती है और इनसे काफी अच्छी मोरल वैल्यू के बारे में भी पता चलता है।
खासकर बच्चों को ऐसे स्टोरीज जरूर सुनानी चाहिए जिससे वह खेल खेल में काफी कुछ अच्छा सीख जाते हैं। आजकल तो करीबन 100+ Short Stories in Hindi with Moral for Kids मौजूद है, जिन्हें आप बच्चों को सुना सकते है।
अब से बच्चे जब मोबाइल चलाने की जिद करें ऐसे में उन्हें यह moral short hindi stories सुनानी चाहिए जिससे उनका एंटरटेनमेंट भी हो जाएगा और वह मोबाइल पर अपना टाइम भी बर्बाद नहीं करेंगे।
तो आइए ऐसी ही कुछ short stories hindi के बारे में जानते हैं।
Short Stories Hindi
चींटी की मेहनत
एक बार की बात है, जब एक छोटी सी लड़की सुनहरी खेत में घूम रही थी। वहाँ उसने एक चींटी को देखा जो एक बड़े बीज को उठाने में जूझ रही थी।
चींटी उस बड़े बीज को उठाने के लिए अपने चारों पैरों का उपयोग कर रही थी, लेकिन फिर भी वह उसे नहीं उठा पा रही थी।
लड़की ने चींटी से पूछा, “तुम इतनी मेहनत क्यों कर रही हो?”
चींटी ने जवाब दिया, “मैं इस बड़े बीज को अपने घर के लिए ले जाना चाहती हूं।
“लड़की ने उससे कहा, “तुम इसे अपनी आंतरिक शक्ति से उठा सकती हो।
“चींटी ने फिर से प्रयास किया और इस बार उसे बीज उठा लेने में कामयाब हुई। चींटी ने उसे अपने घर तक ले जाकर अपने समूह के साथ बाँट दिया
सीख : अगर हम मेहनत करते हैं तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं और हमारी आंतरिक शक्तियों का भी इस्तेमाल हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
साहसी वीर बालक
the stories in hindi : एक समय की बात है एक विद्यालय में मोहित और सुशील नाम के दो बालक पढ़ा करते थे। मोहित काफी बदमाश छात्र था और वह कक्षा के बाकी छात्रों को बहुत परेशान किया करता था।
पिछले कुछ समय से मोहित, सुशील को बहुत ज्यादा परेशान कर रहा था और वह रोजाना सुशील की कोई न कोई वस्तु छीन लिया करता था।
सुशील मोहित से बहुत ज्यादा डरता था और वह मोहित की हरकतों का विरोध नहीं कर पाता था। ऐसा काफी समय तक चलता रहा एक दिन सुशील को यह एहसास हुआ कि मोहित कभी नहीं सुधरेगा और सुशील को अपनी खुद की मदद स्वयं ही करनी होगी।
अगले दिन जब मोहित सुशील की पेंसिल छीन रहा था तो सुशील ने उसे मना करते हुए कहा कि अगर वह उसकी पेंसिल छीनेगा तो वह टीचर से मोहित की शिकायत कर देगा इस बात से मोहित काफी डर गया और फिर उस दिन के बाद से उसने सुशील को तंग करना बंद कर दिया।
सीख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की साहस से ही डर पर विजय पाई जा सकती है।
Hindi short stories with moral for Kids 2023
ईमानदार दुकानदार
short stories hindi : एक गांव में सुमित नाम का एक दुकानदार रहता था। सुमित बहुत ईमानदार था और सभी से अच्छे तरीके से व्यवहार करता था।
इस वजह से गांव वाले सुमित को बहुत पसंद करते थे। एक बार सुमित की दुकान पर एक आदमी आया, उसने कुछ सामान खरीदा और जल्दबाजी में सुमित को ज्यादा पैसे देकर के चला गया।
इस बात का पता चलते ही सुमित उसके पीछे दौड़ा और उसने उस व्यक्ति के पैसे वापस कर दिए।
उसकी इस ईमानदारी से वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ और उसने सुमित से कहा कि मैं कल फिर आऊंगा।
अगले दिन वह व्यक्ति सुमित की दुकान पर फिर से आया और उसने सुमित की दुकान का सारा सामान खरीद लिया।
इस पर सुमित ने उससे ऐसा करने का कारण पूछा। इस पर उस व्यक्ति ने बताया की असल में उसे काफी ज्यादा मात्रा में सामान की जरूरत थी और वह इसी काम के सिलसिले में सामान लेने ही निकला था।
सुमित की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ और उसने सुमित की दुकान से ही अपना सारा सामान लेने का निर्णय लिया।
सीख – हमें सदा ईमानदारी से ही अपना सारा काम करना चाहिए क्योंकि ईमानदार व्यक्ति एक दिन सफल जरूर होता है।
Moral short hindi stories
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अकड़ू स्मिता
Moral short hindi stories : स्मिता नाम की एक छोटी बच्ची थी। स्मिता काफी गुस्सैल और अकड़ू किस्म की बच्ची थी। वह अपने खिलौने किसी के साथ नहीं बाँटती थी। उसकी इन हरकतों के कारण धीरे-धीरे उसके पड़ोस के बच्चों ने उसके घर आकर खेलना बंद कर दिया।
अब स्मिता के घर पर खेलने कोई नहीं आता था। जब काफी दिनों तक उसके घर पर कोई बच्चा नहीं आया तब जाकर स्मिता को यह एहसास हुआ कि वह कितना गलत कर रही थी और ऐसा होते हैं स्मिता अपने खिलौने लेकर के पड़ोस मैं ही रहने वाली अपनी दोस्त निशा के पास चली गई।
निशा के घर पर उस समय कॉलोनी के बाकी के बच्चे भी खेल रहे थे। निशा के घर जाकर स्मिता ने बाकी के बच्चों से कहा कि यह मेरे खिलौने है क्या तुम सब इनके साथ खेलना पसंद करोगे?
पहले तो बच्चों ने कुछ देर तक सोचा और फिर कहा कि हां हां क्यों नहीं और फिर से उनकी दोस्ती हो गई।
सीख – हमें सभी के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए।
स्वावलंबी रोहित
short stories in hindi with moral lessons : रोहित एक बहुत ही होशियार और समझदार लड़का था। वह हमेशा अपनी क्लास में फर्स्ट आता था।
रोहित एक दिन जब बाजार से वापस आ रहा था तो उसने अपनी पसंदीदा खिलौनों की दुकान में एक बहुत ही सुंदर कार देखी। रोहित को वह कार बहुत ही ज्यादा पसंद आ गई और उसने दुकानदार से उस कार का दाम पूछा
दुकानदार ने उस कार का दाम पाँच हजार बताया। कार का दाम सुनकर के रोहित चौक गया और बहुत दुखी भी हो गया क्योंकि वह कार उसे बहुत पसंद आ गई थी पर उसके पास इतने पैसे नहीं थे।
रोहित अब सोचने लगा कि कैसे वह उस कार को खरीद सकता है। अगले दिन जब रोहित वापस घर आ रहा था तब उसने एक रेस्टोरेंट में पार्ट टाइम जॉब की ऑफर देखी। रोहित को तुरंत कुछ आइडिया आया और वह उस रेस्टोरेंट के अंदर चला गया।
रोहित ने कहा कि वह पार्ट टाइम जॉब करना चाहता है पर वह बहुत समझदार है तो रेस्टोरेंट में उसे वेटर के अलावा और भी कोई जॉब दी जा सकती है। रेस्टोरेंट का मैनेजर रोहित की समझदारी से काफी प्रभावित हो गया था और उसने रोहित का इंटरव्यू लिया जिसमें रोहित काफी अच्छी तरीके से पास हो गया।
उसकी समझदारी और काबिलियत से प्रभावित होकर के मैनेजर ने रोहित को वेटर की जगह रेस्टोरेंट के कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी ऑफर की। वेटर की तुलना में इस नौकरी की सैलरी बहुत ज्यादा थी।
रोहित बहुत खुश हो गया। अब रोहित पढ़ाई के साथ साथ अपनी जॉब करने लगा था। रेस्टोरेंट का मैनेजर रोहित के काम से बहुत खुश था।
कुछ ही समय में रोहित के पास उसकी फेवरेट कार को खरीदने के लिए पैसे इकट्ठे हो गए थे और अब उसे रेस्टोरेंट में काम करने की कोई जरूरत नहीं थी और जब वह यह बताने के लिए कि अब यह पार्ट टाइम जॉब नहीं करेगा, मैनेजर के पास गया तो मैनेजर ने कहा कि प्लीज तुम यह काम करते रहो बदले में मैं तुम्हारी सैलरी डबल कर दूंगा।
रोहित ने सोचने के लिए थोड़ा सा समय मांगा और काफी सोचने समझने के बाद रोहित ने हां कर दी। अब रोहित पढ़ाई के साथ-साथ अपने काम को भी मैनेज कर रहा है और अब वह आत्मनिर्भर हो चुका है और अब वह अपने खर्चे खुद ही मैनेज करता है।
सीख – हम सभी को स्वावलंबी और आप निर्भर होना चाहिए हमें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद ही मेहनत करनी चाहिए।
short stories in hindi with moral lessons
दयालु पेन वाला
अंकित रोज की तरह अपनी कार से अपने ऑफिस जा रहा था। रास्ते में वह अपने ऑफिस के लिए कुछ जरूरी सामान खरीदने के लिए रुक गया।
कार से बाहर निकलने पर उसके पास एक पेन बेचने वाला आया जिसमें उससे पेन खरीदने का आग्रह किया। हालांकि, अंकित को पेन की कोई जरूरत नहीं थी फिर भी उसने कुछ सोच कर के उस व्यक्ति से पेन खरीद लिया।
उसी दिन अंकित जब ऑफिस से वापस आ रहा था तो उसने देखा कि वही पेन वाला कुछ बच्चों को खाने का सामान खरीद करके दे रहा था।
अंकित रुक गया और उसने उस पेन वाले से पूछा कि यह लोग कौन है और क्या तुम इन्हे जानते हो?
तो उस पर उस व्यक्ति ने कहा कि साहब मैं पेन बेचता हूं और उससे मुझे जो भी आमदनी होती है, उससे मैं इन बच्चों को कुछ खाने का सामान खरीद करके दे देता हूं।
अंकित उसकी बात सुनकर के काफी खुश हुआ और उसने उस व्यक्ति को ऐसा करने के लिए शाबाशी भी दी। इसके बाद से अंकित को जब भी कोई इस तरीके का सामान बेचते हुए मिलता है अंकित उनसे वह सामान जरूर खरीदता है।
सीख – दयालुता सबसे बड़ा गुण है।
ईमानदार ईशान
the stories in hindi : ईशान नाम का बच्चा स्कूल से वापस अपने घर आ रहा था। रास्ते में उसे एक बहुत ही सुंदर खिलौना मिला। ईशान को वह खिलौना बहुत पसंद आया।
उसने अपने आसपास देखा तो उसे वहां पर कोई भी नहीं दिखा। पहले तो ईशान उस खिलौने को अपने पास रखना चाहता था पर काफी सोचने के बाद उसने कुछ और निर्णय लिया।
ईशान सामने की ही एक दुकान पर चला गया और उसने दुकानदार को बताया कि यह उसे यह खिलौना उसकी दुकान के सामने सड़क पर पड़ा मिला है।
तो उस खिलौने को वह दुकानदार रख ले क्योंकि हो सकता है उस खिलौने का मालिक उस खिलौने को ढूंढते हुए वहां पर आए। दुकानदार ने उसको खिलौना को अपने पास रख लिया और कुछ देर के बाद एक बच्चा उसकी दुकान पर आया और उससे पूछने लगा कि क्या उसने एक खिलौना देखा है।
दुकानदार ने जब उसे उसका खिलौना दिखाया तो उसने उसे तुरंत पहचान लिया। इस पर दुकानदार ने उसे उसका खिलौना वापस कर दिया अपना खिलौना वापस पा करके वह बच्चा बहुत खुश हुआ।
सीख – ईमानदारी बहुत जरूरी है और हमें किसी दूसरे का सामान कभी भी नहीं लेना चाहिए।
the stories in hindi
दयालु किसान
stories in hindi with moral : काफी समय पहले की बात है, एक गांव में एक दयालु किसान रहा करता था। गर्मियों के मौसम की बात है। राज्य में बहुत ही भयंकर गर्मी पड़ रही थी। ऐसे में एक दिन दोपहर में कुछ लोग वहां से गुजर रहे थे जिन्हें बहुत प्यास लगी थी। तो उन्होंने किसान के घर पर पहुंच कर उससे पीने का थोड़ा पानी मांगा।
हालांकि, किसान के पास भी बहुत थोड़ा ही पानी था जो उसने उसके खुद के इस्तेमाल के लिए रखा था पर फिर भी उसने उन लोग को पानी पिला दिया। साथ ही में उसके पास जो भी खाने का सामान था वह भी उसने उन लोगों को दे दिया।
राहगीर खा पी करके उसका धन्यवाद करके वहाँ से चले गए। कुछ दिनों के बाद किसान को राज महल से बुलावा आया। राज महल में पहुंच करके किसान ने देखा कि जो व्यक्ति उसके घर आया था वह तो उसके राज्य का राजा है।
राजा उसकी दयालुता से बहुत प्रसन्न हुआ था इसलिए उसने किसान को अपने पास बुलाया और कहा कि मैं तुम्हारे दयालू स्वभाव से बहुत खुश हुआ हूं। तुम्हें जो चाहिए मांग लो वह मैं तुम्हें दे दूंगा।
किसान ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए पर अगर आप कुछ देना ही चाहते हैं तो हमारे गांव के लिए पक्की सड़क और पानी की व्यवस्था करवा दीजिए।
राजा उसके इस निस्वार्थ भाव से और भी ज्यादा खुश हुआ उसने कहा जरूर, तुम जैसा कह रहे हो वैसा जरूर होगा पर मैं तुम्हारे निस्वार्थ सेवा भावना से बहुत खुश हूं और मैं चाहता हूं कि तुम मेरे सलाहकार बन जाओ।
किसान राजा के इस प्रस्ताव से बहुत खुश हुआ। उसने राजा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
सीख – इंसान की परख बुरे समय में ही होती है इसलिए हमें बुरे समय में भी निस्वार्थ भाव से अपना काम करते रहना चाहिए।
stories in hindi with moral
ईमानदार प्रतीक
प्रतीक एक शर्मीला लड़का था जिसके अधिक मित्र नहीं थे। ज्यादा मित्र ना होने के कारण प्रतीक ज्यादातर समय अपने घर पर ही बिताया करता था। पढ़ने के अलावा उसे फिल्म देखने का भी बहुत शौक था।
उसके कुछ बेहद फेवरेट एक्टर थे जिन्हे वह बहुत पसंद करता था और उन्हें देख देख कर के वह भी एक्टिंग करने लगा था।
एक दिन वह स्कूल से घर जा रहा था जब उसे पर्स मिला। वह जानता था कि वह उस पर्स के पैसे अपने पास रख सकता था, लेकिन वह यह भी जानता था कि ऐसा करना सही नहीं था। जब उसने पर्स को बेहद ध्यान से देखा तो उसमें उसे उस पर्स के मालिक का वह नंबर भी मिला।
घर आकर के प्रतीक ने उस नंबर पर कॉल करके उन्हें बताया कि उनका पर्स रास्ते में गिर गया है और वह चाहे तो वह उनके घर आकर के उनका पर्स वापस कर सकता है।
शाम को जब प्रतीक उस पर्स को उसके मालिक के घर पर वापस करने गया तो उसने देखा की पर्स का मालिक कोई और नहीं बल्कि उसका फेवरेट सुपरस्टार था।
प्रतीक बहुत ज्यादा खुश हुआ और उसने उन्हें बताया कि वह उनका बहुत बड़ा फैन है उनकी फिल्में देख कर के उसे भी एक्टिंग करने का शौक हो गया है प्रतीक की ईमानदारी के बदले वह एक्टर प्रत्येक को कुछ रुपए देने लगे पर प्रतीक ने मना कर दिया कि किसी लालच की लिए उनका पर्स वापस करने नहीं आया है और उसे यह रुपए नहीं चाहिए,
पर पर्स के मालिक ने कहा कि नहीं उस पर्स में उनके कुछ बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट थे और प्रतीक ने उस पर्स को लौटा करके उनके ऊपर बहुत बड़ा एहसान किया है और वह बदले में वह प्रतीक के लिए कुछ ना कुछ जरूर करना चाहते हैं
काफी देर सोचने के बाद बहुत ही अच्छे डिसीजन पर पहुंचे उन्होंने कहा कि प्रतीक को एक्टिंग का शौक है इसलिए वह अपनी आने वाली फिल्म में प्रतीक को भी एक रोल देना चाहते हैं।
प्रतीक यह सुनकर बहुत खुश हुआ और उसने उनका ऑफर स्वीकार कर लिया।
सीख:हमें हमेशा इमानदारी से ही अपने हर काम करने चाहिए।
लालची दुकानदार
Short Stories in Hindi for Kids (2023) : एक समय की बात है। एक गांव में एक लालची दुकानदार रहा करता था। वह दुकानदार अपने ग्राहकों से हमेशा सामान के ज्यादा पैसे लिया करता था। ऐसे में गांव वाले उससे बहुत परेशान थे पर पूरे गांव में उसी की एक दुकान होने के कारण वह उसी से ज्यादा दाम पर सामान खरीदने पर मजबूर थे।
ऐसे में एक बार उस गांव से होकर गुजरने वाला एक राहगीर उसकी दुकान पर आया। राहगीर ने उससे खाने का कुछ सामान खरीदा जिस पर दुकानदार ने उससे भी ज्यादा पैसे लेने चाहे।
इस पर राहगीर ने उसे ज्यादा पैसा देने से मना कर दिया और दुकानदार की शिकायत जाकर के राजा के कर्मचारियों से कर दी।
कर्मचारियों ने उस शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाई जिसके बाद उन्होंने दुकानदार की दुकान बंद करवा दी गई।
सीख – लालच कभी भी नहीं करना चाहिए।
Short Stories in Hindi for Kids (2024)
सोना ही सोना
story in hindi with moral : बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक व्यापारी हुआ करता था वह व्यापारी बहुत ज्यादा लालची था और अमीर होने के सपने देखा करता था ऐसे में उसने किसी से सुना कि यहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर एक जादुई पेड़ है जो कि सभी की मनोकामनाएं पूरा करता है व्यापारी और भी ज्यादा अमीर होने के लालच में उस पेड़ के पास जाने की तैयारी करने लगा काफी लंबी दूरी की यात्रा करके और काफी सारी मुश्किलों को झेल करके व्यापारी उस पेड़ के पास पहुंच गया।
उसने उस पेड़ से प्रार्थना की कि उसे कुछ ऐसा जादूई वरदान दिया जाए जिससे वह अपने गांव और अपने देश का सबसे अमीर व्यक्ति बन जाए पेड़ ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, कि इतना ज्यादा लालच अच्छी बात नहीं है।
उसे बस इतना ही मांगना चाहिए जितने में वह अच्छे से रह सके पर व्यापारी ने उसकी एक न सुनी और कहा कि नहीं उसकी जो इच्छा है पेड़ को वह पूरी करनी ही होगी पेड़ ने फिर से उसे चेतावनी दी कि लालच अच्छी बात नहीं होती है और ज्यादा लालच करना उसके लिए सही नहीं रहेगा।
व्यापारी ने उसकी एक न सुनी और उसे बस वह जादुई वरदान देने के लिए कहा पेड़ ने कहा वैसे तो लोगों को सिर्फ रुपए और पैसे दे दिया करता था पर व्यापारी ने उससे काफी अलग वरदान मांगा है जिसमें वह पूरे देश में सबसे अमीर इंसान बनना चाहता है और ऐसे में रुपए और पैसे देने से उसकी इच्छा पूरी नहीं होगी
पेड़ ने कहा कि क्यों ना वह व्यापारी को कुछ ऐसी शक्तियां दे दे जिससे वह अपने पैसे खुद ही बना सके।
व्यापारी यह सुनकर बहुत खुश हो गया और उसने कहा कि हां, यह बहुत अच्छा विचार है और पेड़ को उसे ऐसा ही कुछ वरदान देना चाहिए तो फिर पेड़ ने उससे कहा कि अब वह अपने हाथों से जिस भी चीज पूछेगा वह सोने के सिक्कों में बदल जाएगी।
व्यापारी यह सुनकर बहुत खुश हुआ और तुरंत इस वरदान को लेकर वह वापस अपने गांव लौटने लगा। कुछ ही दूर आगे चलने पर उसे बहुत ज्यादा प्यास लगी पर उसने जैसे ही अपने झोले को छुआ उसका पूरा का पूरा झोला ही सोने के सिक्कों में बदल गया।
व्यापारी बहुत परेशान हुआ अब व्यापारी जिस भी चीज को छूता वह सोने के सिक्कों में बदल जाता। व्यापारी भूख प्यास से परेशान हो गया और रोने लगा और भाग करके वापस पेड़ के पास आया और उससे रो-रोकर के यह वरदान वापस लेने के लिए कहने लगा।
पेड़ ने कहा मैंने तुम्हें बहुत समझाया था कि ज्यादा लालच मत करो और अब यह वरदान वापस नहीं हो सकता है। पूरी जिंदगी तुम्हें ऐसे ही रहना पड़ेगा व्यापारी बहुत ही ज्यादा रोने लगा।
उसे इतना ज्यादा दुखी देख कर के फिर पेड़ को उस पर दया आ गई। पेड़ ने कहा कि तुम जब तक यहां रहोगे तब तक यह वरदान काम नहीं करेगा और तुम खा पी सकोगे तो तुम यहां पर ही रह जाओ।
व्यापारी बहुत दुखी हुआ पर उसके पास और कोई रास्ता नहीं था तो वह उस पेड़ के पास ही रह गया। समय के साथ-साथ धीरे-धीरे व्यापारी ने अपने परिस्थिति से समझौता कर लिया था और अब धीरे-धीरे उसका लालच भी खत्म हो गया था।
अब वह वहां आने जाने वालों को अपनी कहानी सुनाता था और उन्हे लालच ना करने की सलाह देता था। ऐसे कई साल बीत गए एक दिन पेड़ ने कहा कि तुमने अपनी गलती का प्रायश्चित कर लिया है और अब तुम्हारे वरदान का असर खत्म हो गया है अब तुम अपने घर जा सकते हो यह सुनकर व्यापारी बहुत खुश हुआ और खुशी-खुशी अपने घर चला गया।
सीख – लालच से दूर रहो क्योंकि जरूरत से ज्यादा लालच बहुत खतरनाक साबित होता है।
story in hindi with moral
दयालु सब्जी वाला
story in hindi with moral : एक बार मिस्टर टिम नाम का एक सब्जी वाला था, जो शहर में एक छोटी सी सब्जी की दुकान का मालिक था। उसे फल और सब्जियां बेचना बहुत पसंद था, लेकिन उसे दूसरों की मदद करना भी अच्छा लगता था।
एक दिन, एक महिला उसकी दुकान में आई और पूछा कि क्या उसके पास कुछ बची हुई सब्जी है जो वह घर ले जा सकती है। मिस्टर टिम के पास कोई बची हुई सब्जी नहीं थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ उसके लिए उसे ताजी सब्जियां देने का फैसला किया। उसने उसे ताजी सब्जियां और कुछ फल मुफ्त में दिया और उससे कहा कि जब भी उसे खाने के लिए कुछ चाहिए तो वह वापस आ जाए।
उस दिन से, उसने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि कि वह अब से दुकान में थोड़ी सी सब्जियां और फल अलग से रखेगा और किसी को भी जरूरत पड़ने पर वह उन फल और सब्जियों को उन्हें दे दिया करेगा।
सीख – हमेशा हमें सभी की मदद करनी चाहिए
समझदार अनन्या
hindi stories in short : अनन्या नाम की एक बहुत ही प्यारी लड़की थी जो कि समझदार होने के साथ ही बहुत ही ज्यादा खुशमिजाज भी थी। अनन्या हमेशा दूसरों की पसंद नापसन्द आदि का ख्याल रखती थी।
एक बार अनन्या अपने कुछ दोस्तों के साथ बाहर खाना खाने गई थी। अनन्या बाहर खाना खाने जिस रेस्टोरेंट में गई थे वहां पर कुछ बच्चे और भी आए थे जोकि बहुत ही ज्यादा उधम मचा रहे थे। जिसकी वजह से रेस्टोरेंट में बैठे हुए बाकी लोगों को काफी दिक्कत हो रही थी ऐसे में यह सब कुछ अनन्या से देखा ना आ गया और वह उठकर उन बच्चों के पास गई और उनसे बातें करने लगी।
अनन्या ने उन बच्चों को रेस्टोरेंट्स के अंदर स्थित बच्चों के खेलने की जगह के बारे में बताया जहां पर बच्चों को खेलने के लिए बहुत सारे खिलौने मिलते हैं। बच्चे यह जानकर बहुत खुश हो गए अनन्या ने कहा कि क्या वह उस जगह को देखना चाहते हैं? बच्चे उस जगह को देखने के लिए खुशी-खुशी राजी हो गए।
अनन्या होटल के स्टाफ के साथ बच्चों को वह जगह दिखाने के लिए ले गई। बच्चों को वह जगह बहुत पसंद आई और उन्होंने अनन्या से कहा कि वह उस जगह पर जाकर खेलना चाहते हैं। अनन्या को यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई और उसने होटल के स्टाफ को बच्चों को ध्यान रखने के लिए कहा और वापस अपने दोस्तों के पास चली आई।
अब रेस्टोरेंट का माहौल काफी अच्छा हो गया था और सभी लोग खुशी से अपना खाने का लुत्फ़ उठा रहे थे। अनन्या के दोस्त भी बहुत खुश थे और उन्होंने अनन्या से पूछा कि वह बच्चे कहां गए अरे नाम से क्या बात कर रही थी? अनन्या ने उन्हें पूरी बात बता दी।
यह बात सुनकर के उसके दोस्त भी काफी खुश हुए और अनन्या की समझदारी की तारीफ करने लगे।
सीख- किसी भी समस्या का हल बहुत ही आसानी से शांति से सोच करके निकाला जा सकता है।
hindi stories in short
कलाकार पिया
Short Inspirational Stories in Hindi : पिया नाम की एक बच्ची थी जो कि बहुत ही समझदार और प्रतिभावान थी। पिया की कला में बहुत ज्यादा रुचि थी और स्कूल में होने वाले हर कला प्रतियोगिता में पिया जरूर भाग लेती थी।
पिया की इस सफलता से उसकी ही कक्षा की दूसरी लड़की जिया बहुत ज्यादा चिढ़ती थी और वह हमेशा पिया से आगे निकलने के प्रयास में रहती थी।
एक बार स्कूल में कला प्रतियोगिता हो रही थी जिसमें पिया और जिया दोनों ने ही भाग लिया था। पिया और जिया दोनों ही इस प्रतियोगिता के लिए काफी ज्यादा मेहनत कर रही थी पर पिया के चित्र जिया की तुलना में काफी अच्छे बन रहे थे और स्कूल के शिक्षकों और बच्चों को सभी को यह विश्वास था कि यह प्रतियोगिता पिया ही जीतेगी।
यह सब देखकर सुनकर के जिया को बहुत गुस्सा आ रहा था और वह पिया को हराने के लिए कोई तरकीब सोच रही थी।
प्रतियोगिता वाले दिन जिया ने पिया के रंगों का बॉक्स ही छुपा दिया जब पिया अपना चित्र बनाने के लिए बैठी तो उसे उसका रंगो का डिब्बा नहीं मिला।
पिया बहुत परेशान हो गई और उसने हर तरफ अपना रंगों का डिब्बा खोजना शुरु कर दिया। प्रतियोगिता का समय निकलता जा रहा था और शिक्षकों ने पिया को कहा उसके पास जो भी है उसे उसी से चित्र बनाना शुरू कर देना चाहिए।
पिया को यह बात समझ में आ गई थी कि जिया ने हीं उसका रंगो का डिब्बा छुपाया है। पर पिया ने हार नहीं मानी उसने तुरंत ही अपनी पेंसिल को उठाया और उसकी मदद से ही चित्र बनाना स्टार्ट कर दिया।
प्रतियोगिता का समय खत्म होने के बाद जब पिया के चित्र को देखा गया तो पिया का चित्र बहुत सुंदर और बाकी के चित्रों से काफी अलग दिख रहा था और इसलिए पिया के चित्र को फर्स्ट प्राइज दिया गया जिया को यह देखकर बहुत गुस्सा आया और उसकी तरकीब किसी का नहीं आई।
सीख – सफलता के लिए शॉर्टकट नहीं लेना चाहिए क्योंकि शॉर्टकट से कभी सफलता नहीं मिलती है।
Short Inspirational Stories in Hindi
दया का फल
hindi stories in short :एक गांव में अंकिता नाम की एक लड़की रहा करती थी। अंकिता बहुत ही अच्छे स्वभाव की एक दयालु लड़की थी जो सभी की मदद किया करती थी।
एक बार अंकिता अपने घर को वापस आ रही थी। रास्ते में उसे एक भूखा व्यक्ति मिला। उसने अंकिता से कुछ खाने को मांगा अंकिता के पास बहुत थोड़ा सा खाना था जो कि उसके खुद के लिए था पर अंकिता ने अपना वह खाना उस व्यक्ति को दे दिया।
वह व्यक्ति खाना खा कर के बहुत खुश हुआ और उसने अंकिता को बताया कि वह अब तक कई लोगों से खाने के लिए कुछ मांग चुका है पर किसी ने उसे खाने के लिए अभी तक कुछ नहीं दिया था। वह अंकिता से बहुत प्रसन्न हुआ है,
अंकिता ने कहा कि कोई बात नहीं हम सभी को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए पर उस व्यक्ति ने कहा कि तुम्हारे पास तो खाने के लिए कुछ भी नहीं है तुम्हारा जो भी खाने का सामान था वह तुमने मुझे दे दिया अब तुम क्या खाओगी?
अंकिता ने कहा कोई बात नहीं, आपका पेट भर गया ना। मैं कुछ ना कुछ देख लूंगी। इस पर वह व्यक्ति हंसने लगा और अचानक तेज हवाएं चलने लगी और अंधेरा सा हो गया।
अंकिता ने कहा कि लगता है मौसम खराब होने वाला है मैं अपने घर जा रही हूं आप भी किसी सुरक्षित जगह पर चले जाइए ऐसा कहने के लिए जब उसने सामने देखा तो देखा कि वहां पर कोई भी नहीं था।
मौसम बहुत खराब था तो अंकिता ने सोचा कि लगता है वह व्यक्ति जल्दी से कहीं पर चला गया है उसे भी घर जाना चाहिए। अंकिता भी तेजी से अपने घर को भागी। घर आकर के अंकिता ने देखा की उसका पुराना टूटा फूटा घर अब एक आलीशान बंगले में बदल चुका है और किचन में जाकर देखने पर उसने देखा की उसकी पूरी किचन खाने पीने के सामान से भरी हुई थी।
अंकिता यह सब देखकर बहुत खुश हो गई और वह समझ गई कि यह सब उसी व्यक्ति ने किया है।
सीख – हमें हमेशा जरूरतमंद इंसान की मदद करनी चाहिए।
समझदार राजा
The story in hindi : संग्रामपुर के राजा संग्राम सिंह बहुत ज्यादा समझदार और दयालु थे और अपनी प्रजा का बहुत ज्यादा ख्याल रखते थे। एक बार उनके दरबार में दो अलग-अलग गांव के लोग आए। इन गांवों की आपस में काफी दुश्मनी थी।
इन लोगों का कहना था की इनके गांव आस पास ही है और इनकी गांव की जो सीमा है वह किसकी है।
राजा ने काफी सोचा विचारा और फिर उन्हे कुछ समय के बाद आने को कहा। इसी बीच राजा ने अपने सिपाहियों से उस सीमा के आसपास ढेर सारे पेड़ लगाने का आदेश दे दिया। कुछ ही समय में वहां काफी सारे पेड़ हो गए जिनकी छाया में अब दोनों गांव के लोग बैठने लगे और अब उनके बीच की दुश्मनी कम होने लगी थी और वह आपस में बातचीत भी करने लगे थे।
कुछ समय के बाद जब राजा ने उन्हें दोबारा बुलाया तो उन्होंने कहा महाराज अब हमे उस सीमा का बंटवारा नहीं चाहिए वहां पर उगे हुए पेड़ों की छांव में दोनों ही गांव के लोग बैठते हैं और बातें करते हैं और अब उनके बीच में किसी भी तरह की कोई लड़ाई नहीं है। राजा संग्राम सिंह यह सुनकर के काफी खुश हुए।
सीख – हमें आपस में प्यार से रहना चाहिए और किसी समस्या का समाधान भी सूझ बुझ और प्यार से ही निकालना चाहिए।
प्यारी दोस्त
शॉर्ट स्टोरी हिंदी: एक बार की बात है, लिया नाम की एक लड़की थी। लिया बहुत ही प्यारी लड़की थी और वह हमेशा लोगों से बहुत जल्दी दोस्ती कर लेती थी। लिया को उसके दोस्त बहुत पसंद थे और वह हमेशा अपने सारे खिलौने अपने दोस्तों के साथ मिलकर के ही खेलती थी।
एक दिन, लिया की एक दोस्त उससे मिलने आई और उसके पास खेलने के लिए कोई खिलौना नहीं था। लिया ने तुरंत अपने खिलौनों को दोस्त के साथ साझा करने की पेशकश की, और दोनों मिलकर के उन खिलौने से खेलने लगे।
खिलौने से खेलते हुए लिया का एक खिलौना उसकी दोस्त को बहुत ज्यादा पसंद आ गया था और वह बार-बार लिया के उसी खिलौने को देखे जा रही थी लिया ने यह बात नोटिस करी और फिर उससे पूछा कि तुम्हारे पास कौन-कौन से खिलौने हैं क्या वह तुम उन खिलौनों को कल ले के आ सकती हो। हम साथ में मिलकर के उन खिलौनों से खेलेंगे।
लिया के ऐसा कहने पर उसके दोस्त बहुत दुखी हो गई और उसने बताया कि उसके पास कोई भी खिलौना नहीं है। लिया को यह सुनकर बहुत दुख हुआ और उसने अपने दोस्त को कहा कि कोई बात नहीं उसका जब भी मन करे लिया के घर पर आकर खेल सकती है।
वह चाहे तो लिया के सारे खिलौने में से किसी एक खिलौने को अपने घर भी ले जा सकती है। उसकी यह बात सुनकर के उसकी दोस्त बहुत खुश हो गई पर उसने कहा नहीं वह लिया के खिलौने कैसे ले जा सकती है।
लिया ने कहा कोई बात नहीं उसके पास बहुत सारे खिलौने है वह उन से खेले लेगी और वह इनमें से कोई एक खिलौना अपने घर ले जा सकती है। लिया के बार बार जोर देने पर उसके दोस्त ने उसी खिलौने को चुना जिसे वह काफी देर से बार-बार देख रही थी।
लिया को यह बात पता थी और इसीलिए उसने अपनी दोस्त से किसी एक खिलौने को ले जाने के लिए कहा था। हालांकि वह खिलौना लिया का भी फेवरेट खिलौना था पर लिया को लगा कि उसके दोस्त को अभी उस खिलौने की ज्यादा जरूरत है जब उसकी दोस्त लिया के खिलौने को लेकर के घर चली गई तो पता नहीं क्यों लिया को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।
हालांकि, लिया का फेवरेट खिलौना उससे दूर हो गया था फिर भी लिया ज्यादा उदास नहीं थी। शायद यह लिया का अपनी दोस्त के लिए प्यार था।
सीख – हमें हमेशा अपनी चीजें अपने दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए। अपने दोस्तों के लिए कुछ करके बहुत अच्छा महसूस होता है।
चमत्कारी फूल
आनंदपुर नाम के एक राज्य में एक बार बहुत ही भयानक सूखा पड़ा था। राज्य में महीनों से बारिश नहीं हो रही थी। राज्य के सारे किसानों की फसलें सूख गयी थी।
हालांकि, राजा ने राजकोष के धन से किसानों की मदद करने की कोशिश की थी पर इतने महीनों से बारिश ना होने के कारण अब राजकोष भी खाली होने की कगार पर था। ऐसे में राज्य के सभी विद्वानों को दरबार में बुलाया गया और उनसे इस समस्या का हल पूछा गया।
उन विद्वानों में से एक विद्वान ने कहा कि यहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर एक नदी है जिसके पास कुछ बहुत ही सुंदर और चमत्कारी फूल खिलते हैं।
अगर राज्य का कोई साहसी व्यक्ति उन फूलों के पौधों को लाकर के राज्य में लगा सके तो राज्य की सूखे की समस्या खत्म हो जाएगी पर उस पौधे को वहां से लाना बहुत ही मुश्किल था क्योंकि एक तो वह जगह आनंदपुर से बहुत दूर थी दूसरा वहां तक जाने का रास्ता बहुत कठिन था। ऐसे में वहां जाने के लिए कोई भी तैयार नहीं हो रहा था।
तो राजा ने स्वयं ही वहां जाने का निर्णय लिया। राज्य के अन्य अधिकारियों ने राजा को वहां जाने से मना किया। “मैं राज्य को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा” ऐसा कह कर के राजा अकेले ही उस फूल के पौधे को लाने के लिए निकल पड़ा।
रास्ते में राजा को बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा पर राजा बहुत शक्तिशाली और मजबूत इरादों वाला व्यक्ति था। उसने इन सारी मुसीबतों का सामना किया और उस चमत्कारी फूल वाले पौधे को वहां से अपने राज्य में लेकर आया।
उस पौधे को विद्वानों ने मिलकर के राजकीय उद्यान में लगा दिया। पौधे को लगाने की दो दिन के बाद राज्य में वर्षा होना शुरू हो गई और राज्य के सूखे की समस्या दूर हो गई।
सीख – मजबूत इरादे वाले व्यक्ति की हमेशा जीत होती है।
जादुई बगीचा
अर्पिता नाम के बच्ची एक बार अपने स्कूल की एक पिकनिक पर गए हुई थी। वह पिकनिक के लिए एक हिल स्टेशन पर गए थे जहां बाकी बच्चों के साथ घूमते हुए अर्पिता उन से बिछड़ गई थी।
अपने साथियों को ढूंढते ढूंढते अर्पिता उस जंगल में काफी दूर निकल गयी और फिर धीरे-धीरे शाम हो गई और चारों तरफ अंधेरा हो गया था। ऐसे में अर्पिता बहुत डर गई थी और उसने पास ही की गुफा में शरण ली। अचानक उस गुफा के अंदर से एक रोशनी आते हुए दिखाई दी। तो अर्पिता उस रोशनी के पीछे चलने लगी।
काफी देर तक चलने के बाद अर्पिता ने देखा कि उस गुफा में चारों तरफ हीरे जवाहरात पड़े हुए हैं जिनमें से काफी ज्यादा रोशनी निकल रही है। तभी अर्पिता को कुछ लोगों के हंसने की आवाज आई। यह आवाज पास से ही आ रही थी। अर्पिता ने वहां जाकर के देखा तो उसे एक बड़ा सा बगीचा दिखाई दिया जहां पर ढेर सारी परियां खेल रही थी और चारों तरफ जादुई प्रकाश छाया हुआ था।
अर्पिता को देख करके वह परियां चौक गई जिस पर अर्पिता ने उन्हें बताया कि वह वहां पर पिकनिक के लिए आई थी और अपने बाकी के साथियों से बिछड़ गई है और अब उसे बहुत डर लग रहा है। इस पर सारी परियाँ उसके पास आ गई और उसे समझाने लगी कि वह उनके साथ पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
उसे बस थोड़ी देर इंतजार करना होगा क्योंकि थोड़ी देर में उनकी रानी परी भी वहां पर आ जाएगी और उसकी समस्या को रानी परी जरूर सुलझा देगी।
परियों ने अर्पिता से पूछा कि उसे क्या खाने का मन है तो अर्पिता ने अपनी पसंद की कुछ खाने की चीजें मांगी। तो परियों ने जादू से तुरंत ही उसकी पसंद की वह सारी चीजें हाजिर कर दी जिसे अर्पिता ने खुश होकर के खा लिया।
कुछ ही देर में रानी परी आ गई और परियों ने उन्हें अर्पिता के बारे में सब कुछ बता दिया। रानी परी ने कहा कि अर्पिता को घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। वह अभी उसको उसके घर पहुंचा देंगी।
अर्पिता बहुत खुश हो गई, रानी परी ने उसे अपने पीछे पीछे बगीचे में अंदर आने को कहा। उस बगीचे में कुछ दूर आगे चलने पर एक बहुत ही बड़ा पेड़ दिखाई दिया। वह पेड़ बहुत ही विशाल था, रानी परी ने वहां पर जाकर के अर्पिता को उस पेड़ के सामने खड़े होने को कहा और उससे उसके घर के बारे में सोचने के लिए कहा।
अर्पिता उस पेड़ के सामने खड़े होकर के अपने घर के बारे में सोचने लगी। उस पेड़ में से एक जादुई प्रकाश निकलने लगा और कुछ ही देर में अर्पिता जादू की मदद से अपने घर पर पहुंच गई अर्पिता के घर पहुंच जाने से सारी परियां बहुत खुश हो गई।
सीख – मुश्किल वक्त में हमें डरना नहीं चाहिए और अपना धैर्य बना करके रखना चाहिए।
समझदार राजू और चमत्कारी चिराग
राजू एक बहुत ही समझदार बच्चा था और वह हमेशा समझदारी से काम लिया करता था। ऐसे में एक बार राजू अपने घर के पास ही में खेल रहा था। खेलते हुए राजू के हाथ एक चिराग लगा।
उस चिराग में से आवाज आई कि “तुम क्या चाहते हो तुम जो भी चाहते हो वह मैं तुम्हें दे सकता हूं” राजू बहुत डर गया पर फिर भी उसने कहा की मुझे मेरे घर पहुंचा दो।
चिराग ने तुरंत राजू को उसके घर पहुंचा दिया अब चिराग से फिर से आवाज आई कि मैंने तुम्हारा काम कर दिया है अब मुझे फिर से कोई काम दो। राजू का कमरा बहुत गंदा था राजू ने चिराग से कहा कि मेरा कमरा साफ कर दो चिराग ने वह कमरा कुछ ही सेकंड में साफ कर दिया ऐसे ही करके राजेंद्र घर के सारे काम चिराग से करवा लिए पर वह काम कुछ ही देर में खत्म हो गया और चिराग से फिर से आवाज आई कि मुझे फिर से कोई काम दो।
अब राजू परेशान हो गया था चिराग ने कहा कि अगर तुम मुझे काम नहीं दोगे तो यह तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा यह बात सुनकर राजू बहुत डर गया था। राजू ने फिर उसे एक काम दिया कि जाओ जरा घूम कर के आओ। चिराग अपने काम पर चला गया। इसी बीच राजू इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए सोचने लगा।
कुछ ही देर में उसके दिमाग में बहुत ही अच्छा आईडिया आया। चिराग के फिर से काम मांगने पर राजू ने कहा की यहां से हजारों किलोमीटर की दूरी में जितने भी रास्ते हैं उन्हें गिन करके आओ। जब तुम्हें उन्हें गिन लो तो फिर से गिनो। इस तरह से राजू ने अपनी समस्या को बहुत ही सूझबूझ से सुलझा दिया।
सीख – डर करके घबराना नहीं चाहिए बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए।
दयालु टीना
एक गांव में टीना नाम की एक लड़की रहा करती थी। टीना बहुत ही ज्यादा समझदार थी और और पूरे गांव में टीना की समझदारी की चर्चा हुआ करती थी। एक बार टीना अपने घर लौट रही थी। रास्ते में उसे एक चिराग मिला। टीना उस चिराग को घर लेकर आई और उलट पलट कर देख रही थी इसे उलटने पलटने में टीना के हाथ से चिराग नीचे गिर गया और चिराग में से एक खूबसूरत परी निकली।
परी ने टीना से कहा कि तुम मुझसे तीन इच्छाएं मान सकती हो। मैं उन इच्छाओं को पूरा कर सकती हूं। टीना बहुत खुश हुई टीना ने पहली इच्छा में अपने लिए खूब सारा पैसा मांगा, दूसरी इच्छा में टीना ने अपनी लिए बड़ा सा घर मांगा। इसके बाद टीना ने परी को कहा कि तीसरे इच्छा मैं तुम्हें कुछ देर के बाद बताऊंगी।
काफी देर के बाद जब परी ने टीना से उसकी तीसरी इच्छा के बारे में पूछा तो टीना ने परी से पूछा कि तुम इस चिराग में कबसे बंद हो इस पर परी बोली कि वह इस चिराग में करीब एक हजार साल से बंद है।
इस पर टीना कुछ सोचने लगी और परी से कहा कि मैंने अपनी तीसरी इच्छा के बारे में सोच लिया है क्या वह मैं तुमसे मांग सकती हूं
परी ने कहा हां क्यों नहीं इस पर टीना ने कहा कि मैं चाहती हूं कि तुम इस चिराग से आजाद हो जाओ और जहां पर भी तुम जाना चाहती हो वहां पर चली जाओ।
उसकी यह बात सुनकर परी बहुत खुश हो गई और टीना का बहुत धन्यवाद करने लगी। उसने कहा आज तक मुझसे हजारों लोगों ने अपनी इच्छाएं पूरी करवाई हैं पर कभी किसी ने मेरे बारे में नहीं सोचा।
तुम बहुत समझदार और दयालु लड़की हो और इस पर टीना ने कहा कि कोई बात नहीं, हो सके तो मुझसे मिलने आते रहना। टीना से मिलते रहने का वादा करके परी उड़ गई।
सीख – दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए और हमें जरूरत से ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।
धैर्यवान किसान
प्रीतम पुर के नाम के गांव में प्रथम नाम का एक किसान रहा करता था। प्रथम के पास एक बीघा खेत था जिसमें वह अनाज की खेती किया करता था। प्रथम बहुत मन लगाकर के खेती किया करता था पर फिर भी उसके खेत में ढंग की फसल नहीं हुआ करती थी।
ऐसा बार-बार होता देख उसके दोस्तों ने उससे उस जमीन को बेच देने के लिए कहा पर प्रथम बहुत धैर्यवान था और उसे यह उम्मीद थी कि एक दिन यह खेत बहुत ही उपजाऊ निकलेगा।
ऐसे ही एक दिन वह किसी काम से शहर गया जहां पर उसने एक बीज के दुकानदार से अपनी समस्या को साझा किया और दुकानदार ने उसे अनाज की नहीं बल्कि फूलों की खेती करने का सुझाव दिया। साथ में उसने उसे अगली बार अपने खेत की मिट्टी को भी लाने के लिए बोला।
प्रथम जब अगली बार शहर गया तो वह अपने साथ अपने खेत की मिट्टी को भी लेकर के गया जिसकी उस दुकानदार ने जांच करवाई और उसके अनुसार उसे कुछ खास फूलों की खेती करने का सुझाव दिया।
प्रथम ने उसी दुकानदार से उन फूलों के बीज खरीदें और अपने खेत में लगा दिए। प्रथम उन फूलों का बहुत ही अच्छे से ध्यान रख रहा था। कुछ ही समय में उन बीजों से पौधे आ गए और कुछ ही समय में प्रथम का पूरा खेत फूलों से भर उठा।
उसे बीज के दुकानदार की सहायता से प्रथम अपने खेत के फूलों को शहर में बेचने लगा। अब प्रथम की इन फूलों से काफी अच्छी कमाई होने लगी और अब प्रथम की गिनती गांव के सबसे अमीर लोगों में की जाती है।
सीख – हमें सदैव धैर्य बनाकर रखना चाहिए। इससे हमें एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
तो यह थी कुछ Hindi short stories with moral for Kids इन short stories में काफी सारे मोरल वैल्यूज भी छुपे हैं जिनसे बच्चों का मनोरंजन तो होगा ही साथ में ही वह मोरल वैल्यूज के बारे में भी सीख लेंगे।
बच्चों को कहानी सुनना बहुत पसंद होता है ऐसे में उन्हें मोबाइल देने की वजह इन कहानियों को सुनाया जा सकता है।